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Kavita Kosh से
आओ इतवार मनाएँ
देर से उठें
चाय पिएं पिएँ
और चाय पिएँ
अखबार को सिर्फ उलट पलट लें
किसी को न बुलाएँ
नहाना भी छोड़ दें
खाना अकेले खाएं खाएँ
बाजार ख्रीदारी स्थगित कर दें अगले हफ्ते तक
बिस्तर के इर्द गिर्द बिछा लें
इतवार की शाम
एक इतवार तो हो