भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओमप्रकाश सारस्वत |संग्रह=दिन गुलाब होने दो / ओमप...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओमप्रकाश सारस्वत
|संग्रह=दिन गुलाब होने दो / ओमप्रकाश् सारस्वत
}}
<Poem>

'''(1)'''

जाड़े की धूप
सरसों के फूलों का
ठंडा-सा सूप

'''(2)'''

ठंडा शहर
हारे हुए लोगों का
अंधा पहर

'''(3)'''

सूर्य की चाल
हांफा-सा आरोह औ
कांपा-सा ताल

'''(4)'''

बर्फ में धूप
'''रिज1''' की हथेली पे
पारे का रूप
'''(5)'''

बर्फ में नदी
भीतर-ही-भीतर घुटती सदी

'''(6)'''

बर्फ में लोग
योग के घेरे में
फँसे हुए भोग

'''(7)'''

धूप की माया
विष्णु की छाती पर
लक्ष्मी की '''छाया'''2

---------------------
'''1. शिमला नगर का एक प्रसिद्ध स्थान।
2. ये लघु गीत हाईकु छंद में है। 'हाईकु'जापानी छंद है जिसमें 5-7-5 वर्णों का क्रम रहता है।'''
</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits