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<tr><td valign=top>[[चित्र:FaizahmadfaizGopaldasneeraj.jpgjpg|50px|right]]</td>
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'''[[फ़ैज़ अहमद फ़ैज़गोपालदास "नीरज"]]''' का जन्म 13 फ़रवरी 1911 को सियालकोट, पाकिस्तान में हुआ था। उन्होंने आधुनिक उर्दू शायरी को एक नई ऊँचाई दी। 1984 में, उनके देहांत साहित्य के पहले, नोबेल पुरस्कार के लिये उज्जवल नक्षत्र है। उनका का नाम सुनते ही सामने आया था। एक ऐसा शख्स उभरता है जो स्वयं डूबकर कविताएँ लिखता हैं और पाठक को भी डूबा देने की क्षमता रखता है। जब '''[[गोपालदास "नीरज"|नीरज]]''' मंच पर होते हैं तब उनकी नशीली कविता और लरजती आवाज श्रोता वर्ग को दीवाना बना देती है।
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