भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इब्ने इंशा

127 bytes removed, 18:35, 2 फ़रवरी 2009
* [[अपने हमराह जो आते हो इधर से पहले / इब्ने इंशा]]
* [[और तो कोई बस न चलेगा हिज्र के दर्द के मारों का / इब्ने इंशा]]
* [[उस शाम वो रुख्सत का समां याद रहेगा / इब्ने इंशा]]
* [[रात के ख्वाब सुनाएं किस को रात के ख्वाब सुहाने थे / इब्ने इंशा]]
* [[जोग बिजोग की बातें झूठी सब जी का बहलाना हो / इब्ने इंशा]]