भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
कौन जाने किसी के इश्क़ का राज़
मेरी ख़ामोशीओं ख़ामोशियों मे लरज़ां हैं
मेरे नालों के गुमशुदा आवाज़
क्य करें फर्ज़ है अदा-ए-नमाज़
तू है और एक तग़ाफुलेतग़ाफ़ुले-पैहम
मैं हूं और इन्तज़ारे-बेअंदाज़
ख़ौफेख़ौफ़े-नाकामी-ए-उम्मीद है फ़ैज़
वर्ना दिल तोड़ दे तिलिस्मे-मजाज़