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चांदनी का दु:ख / जहीर कुरैशी

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* [[ किस्से नहीं हैं ये किसी बिरहन की पीर के / जहीर कुरैशी]]* [[ / जहीर कुरैशी]]धूप, मिट्टी हवा को भूल गए* [[ / जहीर कुरैशी]]* [[ अंग -प्रत्यंग को हिला डाला / जहीर कुरैशी]]* [[ विष असर कर रहा है किश्तों में / जहीर कुरैशी]]* [[सिर से ऊपर गुज़र गया पानी आपका मेरा हर किसी का दु:ख / जहीर कुरैशी]]* [[बन्द पुस्तक को खोलती स्वप्न तो सूर्य की किरन का है हवा / जहीर कुरैशी]]* [[कंठ को तैयार करना सीख जाते हैं / जहीर कुरैशी]]रखो दफ्तर* [[ / जहीर कुरैशी]] की बातें सिर्फ दफ्तर तक* [[ / जहीर कुरैशी]]* [[ जिस जुबाँ पर चढ़ गयी अधिकार की भाषा / जहीर कुरैशी]]
* [[ / जहीर कुरैशी]]
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* [[सिर से ऊपर गुज़र गया पानी / जहीर कुरैशी]]
* [[बन्द पुस्तक को खोलती है हवा / जहीर कुरैशी]]
* [[कंठ को तैयार करना सीख जाते हैं / जहीर कुरैशी]]
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