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ये झरती है और किकयाती है और रिसती है दिमाग़ में
ये झरती है और किकयाती है लाशों के दिमाग़ों में
और ऐसे यूँ सारे झूठ हँसते हुए किए जाते हैं फ़राहम
जिन्हें सोख लेती है सिर कटी लाशों की हँसी बेदम
जिन्हें सोख लेते हैं हँसती लाशों के मुँह हर कदम