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किसने जाना कि कल है क्या होगा<br>{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= श्रद्धा जैन|संग्रह=}}[[Category:ग़ज़ल]]कुरबतें या के फ़ासला होगा<br><brpoem>
आज रोया किसने जाना कि कल है वो तो रोने दो<br>क्या होगाहो न हो ख़ुद से वो मिला कुरबतें या के फ़ासला होगा<br><br>
चाँद जो पल में बन गया आज मिट्टी<br>रोया है वो तो रोने दोरात दिन किस तरह जला हो न हो ख़ुद से वो मिला होगा<br><br>
ज़ुल्म करता नहीं वो बन्दों पर<br>आज दुनिया का रब जुदा चाँद जो पल में बन गया मिट्टीरात दिन किस तरह जला होगा<br><br>
ज़ुल्म करता नहीं वो बन्दों परआज दुनिया का रब जुदा होगा यूँ न ढूँढों यहाँ वफ़ा "श्रद्धा"<br>तन्हा-तन्हा-सा रास्ता होगा<br><br>