भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हरभजन सिंह
|संग्रह=
}}
<poem>
आखिरी ख्वाहिश बस इतनी है
मेरे मरने की खबर
इस तरह की ख्वाहिश
केवल मैं ही कर सकता हूं।
</poem>