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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[=बशीर बद्र]][[Category:कविताएँ]]}}
[[Category:गज़ल]]
[[Category:बशीर बद्र]]<poem>अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगामगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगामगर वो आँखें हमारी कहाँ से लायेगा
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा <br>ना जाने कब तेरे दिल पर नई सी दस्तक होमगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा <br><br>मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आयेगा
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा <br>मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँमगर अगर वो आँखें हमारी कहाँ आया तो किस रास्ते से लायेगा <br><br>आयेगा
ना जाने कब तेरे दिल पर नई सी दस्तक हो <br>मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आयेगा <br><br> मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँ <br>अगर वो आया तो किस रास्ते से आयेगा <br><br> तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है <br>तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सतायेगा <br><br/poem>