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मरने के बाद / नवीन नीर

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}}
<Poem>
मरने के बाद मेरी लाश को
जलाना ना
दफ़नाना ना
बल्कि काल-चक्र के किसी पेड़ पर
उल्टा टाँग देना
::किसी कंकाल की तरह

ताकि मैं मरने के बाद तो
इस दुनिया को
सीधी तरह देख सकूँ ।
</poem>