भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|संग्रह=
}}
[[Category:कविताएँ]]
[[Category:गज़ल]]
<Poem>
 
कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई
जिसको चाहा उसे अपना ना सके जो मिला उससे मुहब्बत ना हुई
जिससे जब तक मिले दिल ही से मिले दिल जो बदला तो फसाना बदला
रस्में दुनिया की निभाने के लिए हमसे रिश्तों की तिज़ारत <ref>व्यापार, व्यवसाय</ref> ना हुई
दूर से था वो कई चेहरों में पास से कोई भी वैसा ना लगा
वक्त रूठा रहा बच्चे की तरह राह में कोई खिलौना ना मिला
दोस्ती भी तो निभाई ना गई दुश्मनी में भी अदावत <ref>दुश्मनी</ref> ना हुई
'''शब्दार्थ :तिज़ारत= व्यापार, व्यवसायअदावत= दुश्मनी{{KKMeaning}}
</poem>