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|रचनाकार=रंजना भाटिया
कि
विरह का यह रंग
सिर्फ़ मेरे लिए नही है ....
सही ग़लत की उलझन में
जवाब दे जिंदगी
तू इतनी बेदर्द क्यों है ?..
</poem>
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