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जीवन साफल्य / मुकुटधर पांडेय

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पर-उपकार-धर्म को जिसने स्वच्छ हृदय से पहचाना
सफल किया बस, उसी एक ने इस जग में अपना आना ।
 
 
जननी जन्म भूमि पर जिसने, तन, मन, अपना वारा है