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Kavita Kosh से
अब देश है स्वतंत्र, मेदिनी स्वतंत्र है
मधुमास है स्वतंत्र, चाँदनी चांदनी स्वतंत्र है
हर दीप है स्वतंत्र, रोशनी स्वतंत्र है