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एक बार सिनेमा हॉल में
एक महिला का पैर
हमारे पैर के नीचे आ गया
तो वो बोली -"अरे शेट्टी जी
थोड़ी देर पहले आप पर्दे पर थे
यहाँ कैसे"
उसके बाजू में बैठे अमिताभ बच्चन ने
हमारे मुँह पर
घूसा जड़ाते हुए कहा-"ऐसे
तबयत ना भारी हो तो
और लगाऊँ
भर गई हो तो एम्बुलेंस मंगवाऊ"
 
एक बार
बवि-सम्मेलन समाप्त होने के बाद
एक महिला हमारे पास आई
हाथ जोड़कर मुस्कराई
फिर बोली-"अपना फ़ोटो दीजिए न
घर ले जाऊँगी"
हमने पूछा-"फ़ोटो का क्य करोगी"
बोली-"बच्चो को डराऊँगी"
 
दर्ज़ी से कहा-"कमीज़ की बटन नहीं लगती"
वो बोला-"हमारी क्या ग़लती
दो मीटर में जैसी बनी
बना दी
कोई और टेलर होता
तो पाँच मीटर कपड़ा लेता
माफ़ करना जनाब
पेट का बढ़ना मर्दो को शोभा नहीं देता"
बस कंडक्टर
हमारे हाथ में टिकर थमाते हुए बोला-
"भगवान जाने क्या खाते हो
अकेले ही
दो की सीट घेर कर बैठ जाते हो
सिंगल टिकट में सफ़र करना है तो
काया को भी सिंगल करो
वर्ना दो सीट का किराया भरो"
लोगों की शादी
धूम-धड़ाके से होती है
मगर हमारी शादी में काहे की धूम
और काहे का धड़ाका
हमें देखते ही
चेहरा उतर गया दुल्हन की माँ का
दुल्हन ने जब घुंघट से झंका
तो बेचारी की साँस उपर चढ़ गई
और सहेलियों के संभालते-संभालते
लम्बी पड़ गई
किसी ने कहा-"भगवान बेटी की रक्षा करे"
कोई बोला-"सब ईश्वर की मरज़ी है
कोई क्या करे"
एक बार हमने
जैसे ही लिफ़्ट में पैर घुसाया
तो लिफ़्ट मेन चिल्लाया-
"आगे मत बढ़िए
ऊपर जाना है तो
सीढ़ेयों से चढ़िए
आपका वज़न ज्यादा है
क्या लिफ़्ट तोड़ने का इरादा है"
हमने कहा-"यार
सातवें फ्लोर पर जाना है
कैसे चढ़ पाएँगे"
वो बोला-"दो-चार बार चढ़ेंगे-उतरेंगे
तो लिफ़्ट के लायक हो जाएंगे"
 
यहाँ तक तो ख़ैर है
कि लोगों को
हमारी काया से बैर है
लेकिन कुछ ऐसे भी हैं
जिन्हें हमारे गंजेपन से शिकायत है
भला वे ही क्या तीर मार रहे हैं
जिनके सर पर
बालो की बहुतायत है
पकड़ में आ जाएं तो
छुड़ाए नहीं छूट्ंगे
ज़बरदस्ती छूड़ाओगे तो टूटेंगे
फित रो हार मानोगे
या पड़ोसी से उधार मांगोगे?
क्या आप नहीं जानते
कि सत है सरस्वती का भंडार
ऐर कपाल प्रवेश-द्वार
चांद खुली ना हो
भरे रहें केश
तो सरस्वती कैसे करेगी प्रवेश?
 
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस
लौह पुरूष वल्लभ भाई पटेल
राष्ट्र पिता महात्मा गांधी
और युग पोरुष जवाहरलाल
इनके सर पर कहाँ थे बाल
गंजे थे
लेकिन भारत माता के बेटे थे
ऐसे-ऐसे काम कर गए
कि इतिहास में अपना नाम कर गए
एसीलिए
बाल वालों से मेरा कहना है
कि अगर उन्हे कुछ बनना है
तो सर का बोझ हटवा दें
अपनी चांद घुटवा दें।