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[[Category:ग़ज़ल]]
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सर ख़ुशी की ज़ीस्त में सौगात सौग़ात लेकर आएगा
जब कोई बच्चा नए जज़्बात लेकर आएगा
वक़्त जब मज़बूरी मजबूरी -ए-हालात लेकर आएगा खून ख़ून में डूबे हुए दिन-रात लेकर आएगा
जान पर मेरी कई सदमात लेकर आएगा
मेरे हिस्से की ख़ुशी भी साथ लेकर आएगा
मेरे ज़ख्मों ज़ख़्मों को वो फिर से ताज़ा करने के लिए
बातों -बातों में पुरानी बात लेकर आएगा
हम ग़रीबों की दुआओं का नया बदल बदला ''ज़हीन''
रहमतों की इक नई बरसात लेकर आएगा
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