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हाल-ए-दिल जिनसे कहने की थी आरज़ू
वो मिले तो हमीं से लगे हू-ब-हू
जिस्म के बन के भीतर ही था वो कहीं
जिसको ढूँढा किये दर-ब-दर , कू-ब-कू