भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भगवान नटवर जी की जय / आरती

7 bytes removed, 21:40, 4 मार्च 2009
|रचनाकार=
}}
<poem>
भगवान नटवर जी की जय-जय गिरिधारी प्रभु, जय-जय गिरिधारी।<BR>
दानव-दल बलिहारी, गो-द्विज हितकारी॥ जय ..<BR>