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मस्त मेले / आरागों

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'''मस्त मेले'''
हमने देखे साइकिल पर सवार
हमने देखे घोड़ियों के दलाल
हमने देखी ओड़नी वाली नकचढ़ी औरतें
हमने देखे अपनी ही टोपी की फुगनी जला लेने वाले आग बुझानेवाले
 
हमने देखे कूड़े में फैंके गए शब्द
हमने देखे आड़ से उठे शब्द
हमने देखे मैरी के बच्चों के पाँव
हमने देखीं पीठ भविष्य बतानेवालियों की
 
हमने देखीं धुआँ उगलती गाड़ियाँ
हमने देखे और भी इक्के
हमने देखे ऐसे छलिया कि लंबी नाक हो जाए परेशां
हमने देखे अट्ठारह कैरेट के सिक्के
 
हमने देखा यहाँ जो दीखता कहीं भी
हमने देखीं कुमारियाँ व्यभिचारी
हमने देखे बच्चे आवारा हमने देखे लफंगे
हमने देखे पुल के नीचे बहते वह जो डूब गए
 
हमने देखे निट्ठल्ले व्यापारी जूतों के
हमने देखी बुझती चिता से अंडे जाँचने वाली
हमने देखे ध्वस्त होते नैतिक मूल्य
और भागते हुए जीवन से छह-चार-दो
</poem>
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