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फाँसें / आरागों

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<poem>

'''फाँसें'''

1
रोक दे कराहना कि कुछ न होगा
इससे अधिक अजीब
कि कराहता हो कोई
और वह रोता न हो

2
मैं घूमता हूँ
अपने भीतर साये का खंजर लिए
मैं घूमता हूँ
अपनी यादों में एक बिल्ली लिए
मैं घूमता हूँ
मुरझाए फूलों का गुलदस्ता लिए
मैं घूमता हूँ
तार-तार हुए कपड़े पहन
मैं घूमता हूँ
अपने दिल में बड़ा सा घाव लिए

3
यकीन करें मुझ पर
सबसे बुरी बात है यह
कि सोचता है कोई

4
जितनी छोटी हो कविता
उतना ही ज्यादा बसेगी मन में

</poem>



(मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी)

/तनाव-76 अक्टूबर-दिसम्बर 2000/
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