भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नादेज़्दीन्स्क 1895 / आरागों

2,599 bytes added, 06:54, 11 मार्च 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लुई आरागों }} <poem> एक साल में जन्मे दो रास्ते एक लो...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लुई आरागों
}}


<poem>
एक साल में जन्मे दो रास्ते
एक लोहे का और दूसरा पैदल
अज्ञात लोगों का गीत
किसी राह की छाया में

नादेज़्दीन्स्की ज़ावोद<sup>1</sup>
धरती से उगता है फूलों के साथ
हमारे दुखों पर हँसता है बसंत
आकाश तेरी पड़ोसी निगाहों के साथ

अगस्त की लंबी शाम छोड़ देती है
तारों को गिरने, जाने कैसे
बेहद धीमे, बेहद धीमे
जैसे विपदाओं में आँसू

बड़ी बात वह ज्वाला है
भट्टी की, हमें भूख लगी हो जैसे
नींद बिना यह रातें अंतहीन
छाया करती है इंतज़ार आदमी का औरत के संग

सप्ताह के आख़िरी दिन
बंद होती हैं तेरी आँखें मेरी दोस्त
आभा की अपनी बग्घी में
सुबह यंत्रवत उसे ले जाती है

गर्मी हुई पूरी लो आया पतझड़
जाड़े को नहीं सुहाते पैर नंगे
बच्चे हमें मिल गए
किसी से कुछ माँगे बिना

ओ दुनिया घूमती सी ओ घूम-घुमैया
मगर तिजोरी में मालिक
उस हवा में जीते हैं, मरते हैं जिसमें हम
बर्फ़, बर्फ़, बर्फ़।

</poem>

<sup>1</sup>नादेज़्दीन्स्की ज़ावोद रूस के उराल प्रांत की एक जगह नादिएज़्दीन्स्क में स्थित कारखाना है।

नादेज़्दीन्स्क का मूल शब्द है 'नादेज़्दा' रूसी भाषा में जिसका अर्थ आशा होता है।


'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
Mover, Uploader
752
edits