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Kavita Kosh से
प्रिय हेमन्त! तुमने फ़्रांसिसी कविता के अपने जिस इस संग्रह को अपने पन्ने में जोड़ा है, उसे इसे अनूदित कविता के फ़्रांसिसी कविता वाले पन्ने पर ही जोड़ना होगा। तुम्हारे पन्ने पर हम तुम्हारी इस किताब का लिंक दे देंगें। लेकिन किताब अनूदित कविता वाले विभाग में ही रखी जाएगी। कविता कोश में एक ही कवि की कविताएँ दो अलग-अलग जगह जोड़ने और नए से नए पन्ने बनाने की कोई तुक नहीं है। अभी तुम उस इस पन्ने को ऎसे ही छोड़ दो। अनिल जनविजय
* [[ / ज़ाक प्रेवेर]]