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तू ही बन जा मेरा मांझी पार लगा दे मेरी नैया ।
हे नटनागर कृष्ण कन्हैया पार लगा दे मेरी नैया ॥
क्या तेरा और क्या मेरा है सब कुछ तो बस सपना है ।<br>इस जीवन के मोहजाल में सबने सोचा अपना है ।<br>
हे नटनागर कृष्ण कन्हैया पार लगा दे मेरी नैया ॥
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