भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
लेखक: [[गोपालदास "नीरज"]]{{KKGlobal}}[[Category:कविताएँ]]{{KKRachna[[Category:|रचनाकार=गोपालदास "नीरज"]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~|संग्रह=}}
तुम दीवाली बनकर जग का तम दूर करो,<br>
मैं होली बनकर बिछड़े हृदय मिलाऊंगा!<br><br>