भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
जो ज़ीस्त को न समझे जो मौत को न जाने <br>
जीना उंहीं उन्हीं का जीना मरना उंहीं उन्हीं का मरना <br><br>
हरियाली ज़िन्दगी पे सदक़े हज़ार जाने <br>
Mover, Uploader
752
edits