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Kavita Kosh से
तुम न आये एक दिन का वादा कर दो दिन तलक<br>
हम पड़े तड़पा किये दो -दो पहर दो दिन तलक<br><br>
दर्द-ए-दिल अपना सुनाता हूँ कभी जो एक दिन<br>