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[[Category:शायर]]
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* [[शाम के साँवले चेहरे को निखारा जाये / क़तील]]
* [[जब भी चाहें एक नई सूरत बना लेते हैं लोग / क़तील]]
* [[अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की / क़तील]]