भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
यक नज़र बेश नहीं फ़ुर्सत-ए-हस्ती ग़ाफ़िल <br>
गर्मी-ए-बज़्म है इक रक़्स-ए-शरशरर<ref>चिंगारी का नृत्य
</ref> होने तक <br><br>
</ref>इलाज <br>
शम्म'अ हर रंग में जलती है सहर होने तक <br><br>
{{KKMeaning}}