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Kavita Kosh से
और फिर वो भी ज़बानी मेरी<br><br>
देख खुनबफ़िशानी मेरी<br><br>
रुक गया देख रवानी मेरी<br><br>
सख़्त अर्ज़ान है गिरानी मेरी<br><br>
कर दिया ज़ौफ़ ने अज़ीज़ "ग़ालिब"<br>