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फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया <br><br>
सादगी हाये हाय तमन्ना यानी <br>
फिर वो नैइरंग-ए-नज़र याद आया <br><br>
उज़्र-ए-वामाँदगी अए ऐ हस्रत-ए-दिल <br>
नाला करता था जिगर याद आया <br><br>
आह वो जुर्रत-ए-फ़रियाद कहाँ <br>
दिल से तंग आके आ के जिगर याद आया <br><br>
फिर तेरे कूचे को जात जाता है ख़याल <br>
दिल-ए-ग़ुमगश्ता मगर याद आया <br><br>