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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[= राकेश खंडेलवाल]][[Category:कविताएँ]]}}[[Category:राकेश खंडेलवालगीत]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
गीत तेरे होंठ पर खुद ही मचलने लग पड़ें आ<br>
इसलिये हर भाष्य को व्यवहार मैं देने लगा हूँ<br><br>