भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
अति उन्नत ललाट पर हमगिरि हिमगिरि का है मुकुट विशाल,
पड़ा हुआ है वक्षस्थल पर जह्नुसुता का हार।।
Anonymous user