भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शब्द-1 / केशव शरण

No change in size, 08:53, 29 मई 2009
<poem>
मेरे पास शब्दों की कमी नहीं है
बस उनके प्रयोग की प्रविहि प्रविधि नहीं है
इसीलिए मैं प्रेम में असफल रहा,
पंचायत में हारा,
कविता में भी मैंने कोई तीर नहीं मारा।
</Poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,465
edits