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न रहेगा कोलगेट
 
और न रहेगा कंप्यूटर
 
रहेगा सादा पानी ,
 
मेरी कविता
 और मैं .... 
मैं यानि मेरी इच्छाएं
 
मैं अक्सर सोचता हूँ
 
मैं अक्सर चाहता हूँ
 मैं ..... यानि यानी मेरी दुनिया  
अनंत आकाश में
 
अनंत विचरते हुए मेरे अनंत स्वप्न.
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