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Kavita Kosh से
तेरी गली में सारा दिन <br>
दुख के कन्कर कंकर चुनता हूँ <br><br>
मुझ से आँख मिलाये कौन<br>
आती रुत मुझे रोयेगी <br>
जाती रुत का झोँका झोंका हूँ <br><br>