भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

माँ! / कविता वाचक्नवी

20 bytes removed, 20:07, 5 जून 2009
}}
<poem>
'''माँ'''
 
 
वे मधुवांछी
अभिलाषी जन
पूरा घिरा
प्राणतल मेरा।
 
 
अभ्यासों से
पुनर्जन्म पा-पा
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,730
edits