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{{KKRachna
|रचनाकार=कविता वाचक्नवी
}}
<poem>
'''आलोक'''
आज तुम
आलोक बन
फिर जगमगाए
और
भूला गीत बन
फिर याद आए।
</poem>
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|रचनाकार=कविता वाचक्नवी
}}
<poem>
'''आलोक'''
आज तुम
आलोक बन
फिर जगमगाए
और
भूला गीत बन
फिर याद आए।
</poem>