भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नई कविता
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ज़्देन्येक वागनेर
|संग्रह=
}}
<Poem>
सुनहरी तितलियाँ
कन्या के बालों में
सूर्य की रश्मियाँ
चोरी से बुनती हैं।
और अब यही कविता चेक भाषा में
Sluneční nitky
------------
Lehounce, potají
sluneční zlaté nitky
motýli vplétají
do vlasů Bereniky.
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=ज़्देन्येक वागनेर
|संग्रह=
}}
<Poem>
सुनहरी तितलियाँ
कन्या के बालों में
सूर्य की रश्मियाँ
चोरी से बुनती हैं।
और अब यही कविता चेक भाषा में
Sluneční nitky
------------
Lehounce, potají
sluneční zlaté nitky
motýli vplétají
do vlasů Bereniky.
</poem>