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* '''[[पहले तुम्हारा खिलना /विजेन्द्र]]''' (कविता-संग्रह)
* [[सॉनेट खिले हुए हैं नन्हें-नन्हें फूल हज़ारों पीले / विजेन्द्र]]* [[तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो बंधन जंज़ीरों के जो / विजेन्द्र]]* [[दहक रहा है, दहक रहा है, दहक रहा है / विजेन्द्र]]* [[लोगों का कहना है घर से बाहर ही चल / विजेन्द्र]]* [[तोड़ धरा को ऊपर उठता है हाथ तुम्हारा / विजेन्द्र]]
* [[बासी रोटी / विजेन्द्र]]
* [[कैसा कवि हूँ / विजेन्द्र]]