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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=फ़ानी बदायूनी|संग्रह=}}तूने करम किया तो ब-उनवाने रंजेज़ीस्त।
ग़म भी मुझे दिया तो ग़मे-जाविदाँ न था॥