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Kavita Kosh से
अपने मजबूर पेट की खातिर
भूक सरमाये की बढ़ाएगा
यह जो नन्हा है भोला भाला है
खूनीं सरमाये का निवाला है
पूछती है यह इसकी खामोशी
कोई मुझको बचाने वाला है!