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राजा प्यासा क्यों ?खडा भी लोटा पडा पडा भी लोटा। है बैठा और कहे हैं लोटा।गदहा उदासा क्यों ?खुसरो कहे समझ का टोटा॥उत्तर - लोटा घूस घुमेला लहँगा पहिने, एक पाँव से रहे खडी।आठ हाथ हैं उस नारी के, सूरत उसकी लगे परी।सब कोई उसकी चाह करे, मुसलमान, हिंदू छतरी।खुसरो ने यही कही पहेली, दिल में अपने सोच जरी।- छतरी आदि कटे से सबको पारे। मध्य कटे से सबको मारे।अन्त कटे से सबको मीठा। खुसरो वाको ऑंखो दीठा॥- काजल एक थाल मोती से भरा। सबके सिर पर औंधा धरा।चारों ओर वह थाली फिरे। मोती उससे एक न था ।गिरे॥- आकाश एक नार ने अचरज किया। साँप मार पिंजरे में दिया।ज्यों-ज्यों साँप ताल को खा। सूखै ताल साँप मरि जाए॥- दीये की बत्ती एक नारि के हैं दो बालक, दोनों एकहिं रंग।एक फिरे एक ठाढ रहे, फिर भी दोनों संग॥- चक्की खेत में उपजे सब कोई खाय। घर में होवे घर खा जाय॥- फूट