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{{KKRachna
|रचनाकार=बशीर बद्र
|संग्रह=उजाले अपनी यादों के / बशीर बद्र }}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
कौन आया रास्ते आईनाख़ाने हो गए
रात रौशन हो गई दिन भी सुहाने हो गए