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[[Category:गज़ल]]
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हम से भागा न करो दूर ग़ज़ालों की तरह
हमने चाहा है तुम्हें चाहने वालों की तरह
हम से भागा न करो दूर ग़ज़ालों की तरह <br>ख़ुद-ब-ख़ुद नींद-सी आँखों में घुली जाती है हमने चाहा महकी महकी है तुम्हें चाहने वालों शब-ए-ग़म तेरे बालों की तरह <br><br>
ख़ुद-ब-ख़ुद नींद-सी आँखों में घुली जाती है <br>और क्या इस से ज़्यादा कोई नर्मी बरतूँ महकी महकी दिल के ज़ख़्मों को छुआ है शब-ए-ग़म तेरे बालों गालों की तरह <br><br>
और तो मुझ को मिला क्या इस से ज़्यादा कोई नर्मी बरतूँ <br>मेरी मेहनत का सिला दिल के ज़ख़्मों को छुआ है तेरे गालों चंद सिक्के हैं मेरे हाथ में छालों की तरह <br><br>
और तो मुझ को मिला क्या मेरी मेहनत का सिला <br>चंद सिक्के हैं मेरे हाथ में छालों की तरह <br><br> ज़िन्दगी जिस को तेरा प्यार मिला वो जाने <br>हम तो नाकाम रहे चाहने वालों की तरह <br><br/poem>
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