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{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण 'पंकिल'
|संग्रह=बावरिया बरसाने वाली /प्रेम नारायण 'पंकिल'
}}
[[Category:कविताछंद]]
<poem>
 
सुधि करो प्राण पूछा तुमने " वह पीर प्रिये क्या होती है ।
जिसकी असीम वेदना विकल हो निशा निरंतर रोती है।
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