भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अभिलाष / पढ़ीस

40 bytes removed, 15:31, 19 अगस्त 2009
'''शब्दार्थ :
छिनहे मा = समय के माप सूचक क्षण में ।
सहरै = शहर को
</Poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,057
edits