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{{KKRachna
|रचनाकार=सत्यपाल सहगल
|संग्रह=कई चीज़ें / सत्यपाल सहगल}}<poem>'''1'''
ये पहली आवाज़े हैं और इनकी एक अलग दुनिया है
ये भूमिका नहीं है न ये आरम्भ ये अपने आप में एक अलग