भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

किशोरी / सत्यपाल सहगल

588 bytes added, 12:28, 28 अगस्त 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सत्यपाल सहगल |संग्रह=कई चीज़ें / सत्यपाल सहगल }} <po...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सत्यपाल सहगल
|संग्रह=कई चीज़ें / सत्यपाल सहगल
}}
<poem>वह अभी से हारी नज़र आती है। वह ज़मीन ही नहीं
थी जहाँ इस उम्र में फूल खिलते हैं। ओह! बीस बरस
बाद वह याद करेगी यह दिन। तब उस समय की उसकी
हार और कई गुणा बढ़ जायेगी।</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits