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वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते <br><br>
जिस की आवाज़ में सिल्वत हो निगाहों में शिकन <br>Tune Aawaaz nahi di kabhi Mudkar Varnaaऐसी तस्वीर के तुकड़े नहीं जोड़ा करते <br><br> शहद जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा <br>जाने वालों के लिये दिल नहीं थोड़ा करते <br><br> लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो <br>ऐसी दरिया का कभी रुख़ नहीं मोड़ा करते <br><br>Hum kai Sadiyaan tujhe ghoom ke dekha karte
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